तनिक छुट्टी लिए नौकरिया से। बाबु लोग बहुतै हलाकान करत हैं, एक बुढव साहब है रिटायर मेंट के नजीक मा, ऊ तो बहुत ही पगला गया हैं। बहुतै दिमाग चाटै लागे तो हम भी आज छुट्टी ले लिए तनि पीछा तो छुटै, अबहिं बिलाग पढत जात रहे , देखे का हिंया तो बड़का हलचल मचा है। खदबदाहट तो बहुतै दिन से था। अबहिं मामला कुछ खुल गया। दद्दा जी पूछन लागे कि बड़का बिलागर कौन? हमने भी उनका पुछा कि ईंहा बड़का बिलागर कौन नाही है? सबे तो बड़का बिलागर हैं। पर उड़नतश्तरी के एतना बड़का बिलागर कोऊ नाही। ई तो पूरा बिलाग जगत जानत है।
जौन बात सगरा बिलाग जगत जानत है ई बात का ढिंढोरा पीटे का कौउन जरुरत आन पड़ी। ई बात तो कु्छ जमी नाही। लगता है बिलाग जगत का अमन चैन चो्राने का कोशिश कर रहे हैं, हफ़्ता 15 दिन ठीक चलता है फ़ेर कोऊ ना कोऊ हरकत हो जाता हैं, के ठहरे पानी में कंकरि्या मार के मौज होइ जाए। ई सब ठीक नही है। अगर आपके पास लिखे का सामगरी नाही है गंगा मैया का फ़ोटुए बढियां हैं गंगा दरशन करीके आतमा तो त्रिप्त होई जात है। हम खुश होइ जात हैं।
एतना एवन हिन्दी लिखत हैं कि हमार डिकशनरी मा शब्द नाही मिलत। पाणिनी फ़ैल खा गए, एतना बढिया लि्खत-लिखत एतना घटि्या कैसे लिखन लागे? हम तो सोचिया सोचिया के पगलिया गए हैं। दीमाग मा इन्फ़ैक्शन होई गवा, अब का करी? उमर का भी तो असर हो्त है । एक दिमाग से केतना काम लिजिएगा, तनि जोर जियादा पड़ जाता है। दिमाग से तनिक कम काम लिजिए अऊर अच्छा बिलागिंग किजिए। ई नापने-नुपने का काम छोर दिजिए कौन बड़का, कौन छोटका। सबै बिलागर बड़का हैं छोटका कोऊ नाही। सबै जानत हैं।जय गंगा मैया के................
(उद्भोषणा-ये निर्मल हास्य है इसका किसी जिंदा या मुर्दा या इंसान या किसी घटना से कोई संबंध नही है )
(उद्भोषणा-ये निर्मल हास्य है इसका किसी जिंदा या मुर्दा या इंसान या किसी घटना से कोई संबंध नही है )